Deewana Tera Aaya Baba Teri Shirdi Mein
॥ भजन लिरिक्स ॥
दीवाना तेरा आया बाबा तेरी शिर्डी में,
नज़राना दिल का लाया बाबा तेरी शिर्डी में ॥
मिलो मुझको मेरे बाबा भरनी तुम्हे पड़ेगी,
झोली मैं खाली लाया बाबा तेरी शिर्डी में,
दीवाना तेरा आया बाबा तेरी शिर्डी में ॥
मैं दीवाना हो गया रे, मैं दीवाना हो गया,
मैं दीवाना हो गया रे, मैं दीवाना हो गया ॥
यूँ तो हज़ारो मंजर देखने हैं हसीं मैंने,
दिल ने सुकून पाया, बाबा तेरी शिर्डी में,
दीवाना तेरा आया बाबा तेरी शिर्डी में ॥
मैं दीवाना हो गया रे, मैं दीवाना हो गया,
मैं दीवाना हो गया रे, मैं दीवाना हो गया ॥
शिर्डी को छोड़ कर मैं कहीं और कैसे जाऊं,
सब कुछ तो यहीं पाया, बाबा तेरी शिर्डी में,
दीवाना तेरा आया बाबा तेरी शिर्डी में ॥
मैं दीवाना हो गया रे, मैं दीवाना हो गया,
मैं दीवाना हो गया रे, मैं दीवाना हो गया ॥
वो हो राम कृष्ण विष्णु या हो शेरों वाली मैया,
मुझे तू ही नज़र आया सब मे बाबा तेरी शिर्डी में,
दीवाना तेरा आया बाबा तेरी शिर्डी में ॥
मैं दीवाना हो गया रे, मैं दीवाना हो गया,
मैं दीवाना हो गया रे, मैं दीवाना हो गया ॥
॥ सार ॥
यह भजन एक भक्त की साईं बाबा के प्रति गहरी प्रेमभावना, समर्पण और शिर्डी में मिलने वाली आध्यात्मिक शांति को दर्शाता है। भक्त साईं बाबा को अपना सब कुछ मानते हुए कहता है कि उसे सच्चा सुख और सुकून केवल शिर्डी में ही मिलता है।