Unche Unche Pahadon Pe Maiya Ji Ka Basera Hai
॥ भजन लिरिक्स ॥
ऊँचे ऊँचे पहाड़ों पे,
मैया जी का बसेरा है,
नीचे हम रहते हैं,
ऊपर मैया जी का डेरा है॥
मैया जी के द्वारे पे,
एक अँधा पुकार रहा,
मैया अंधे को आँखें दो,
उसे तेरा ही सहारा है,
ऊँचे ऊँचे पहाड़ों पे,
मैया जी का बसेरा है॥
मैया जी के द्वारे पे,
कोढ़ी पुकार रहा,
मैया कोढ़ी को काया दो,
उसे तेरा ही सहारा है,
ऊँचे ऊँचे पहाड़ों पे,
मैया जी का बसेरा है॥
मैया जी के द्वारे पे,
निर्धन पुकार रहा,
मैया निर्धन को माया दो,
उसे तेरा ही सहारा है,
ऊँचे ऊँचे पहाड़ों पे,
मैया जी का बसेरा है॥
मैया जी के द्वारे पे,
बाँझन पुकार रही,
मैया बाँझन को बेटा दो,
उसे तेरा ही सहारा है,
ऊँचे ऊँचे पहाड़ों पे,
मैया जी का बसेरा है॥
मैया जी के द्वारे पे,
एक कन्या पुकार रही,
मैया कन्या को वरघर दो,
उसे तेरा ही सहारा है,
ऊँचे ऊँचे पहाड़ों पे,
मैया जी का बसेरा है॥
मैया जी के द्वारे पे,
तेरे भगत पुकार रहे,
मैया भक्तों को दर्शन दो,
उन्हें तेरा ही सहारा है,
ऊँचे ऊँचे पहाड़ों पे,
मैया जी का बसेरा है॥
॥ सार ॥
यह भजन माँ दुर्गा की असीम कृपा, दया और उनके दरबार की महिमा का वर्णन करता है। चाहे अंधा हो या निर्धन, बाँझन हो या साधारण भक्त—हर कोई माँ के द्वार पर आता है, क्योंकि वही अंतिम सहारा और आशा हैं।