Maiya Sher Pe Chadke Aaja
॥ भजन लिरिक्स ॥
मैया शेर पे चढ़के आजा,
तेरे भक्त खड़े हैं गली गली॥
मैया कैसा जल है चढ़ाना,
तेरे पूछे भगत जन गली गली,
मैया शेर पे चढ़के आजा,
तेरे भक्त खड़े हैं गली गली॥
मैया कैसा दीप जलाएं,
तेरी रौशन हो जाए गली गली,
मैया शेर पे चढ़के आजा,
तेरे भक्त खड़े हैं गली गली॥
मैया कैसा भोग लगाएं,
तेरी कृपा बरसे गली गली,
मैया शेर पे चढ़के आजा,
तेरे भक्त खड़े हैं गली गली॥
मैया कैसी भेटें गाएं,
तेरे नाचे भगत जन गली गली,
मैया शेर पे चढ़के आजा,
तेरे भक्त खड़े हैं गली गली॥
मैया कैसा चोला चढ़ाएं,
चोले की चमक जाए गली गली,
मैया शेर पे चढ़के आजा,
तेरे भक्त खड़े हैं गली गली॥
मैया कैसे तुझे मनाए,
जयकारा गूँजे गली गली,
मैया शेर पे चढ़के आजा,
तेरे भक्त खड़े हैं गली गली॥
मैया शेर पे चढ़के आजा,
तेरे भक्त खड़े हैं गली गली॥
॥ सार ॥
इस भजन में भक्त माँ दुर्गा से आग्रह करते हैं कि वे शेर पर सवार होकर उनके बीच आएँ और उनकी सेवा स्वीकार करें। हर गली में दीप, भोग, चोला, और जयकारे की भावना से माँ का स्वागत करने की मनोकामना इसमें झलकती है।