Chunariya Maa Ki Reshmi Koi Gota Lagao Re
॥ भजन लिरिक्स ॥
चुनरिया माँ की रेशमी,
कोई गोटा लगाओ रे,
हो मैया रानी आ गयी,
जयकारा लगाओ रे,
चुनरिया माँ की रेशमी,
कोई गोटा लगाओ रे॥
हाथों में लोटा गंगाजल पानी,
हो मैया रानी आ गयी,
सब चरण धुलाओ रे,
चुनरिया माँ की रेशमी,
कोई गोटा लगाओ रे॥
हाथ में थाली दिया और बाती,
हो मैया रानी आ गयी,
सब ज्योत जलाओ रे,
चुनरिया माँ की रेशमी,
कोई गोटा लगाओ रे॥
हाथ में थाली चन्दन रोली,
हो मैया रानी आ गयी,
सब तिलक लगाओ रे,
चुनरिया माँ की रेशमी,
कोई गोटा लगाओ रे॥
हाथ में थाली फूलों वाली,
हो मैया रानी आ गयी,
सब माला पहनाओ रे,
चुनरिया माँ की रेशमी,
कोई गोटा लगाओ रे॥
हाथ में थाली, थाली में चुनरी,
हो मैया रानी आ गयी,
सब चुनरी चढ़ाओ रे,
चुनरिया माँ की रेशमी,
कोई गोटा लगाओ रे॥
॥ सार ॥
यह भजन माँ दुर्गा के स्वागत की आनंदमयी परंपरा को दर्शाता है—जिसमें भक्त माँ को चुनरी, माला, तिलक, ज्योत और पूजा की विभिन्न सामग्रियाँ अर्पित करके उनका सम्मान करता है। इसमें माँ के आगमन, उनकी पूजा और भक्तिभाव का सुंदर चित्रण मिलता है।