Holi Aayi Badi Suhani
॥ भजन लिरिक्स ॥
होली आई बड़ी सुहानी,
सब ने घोर लई रोली,
प्यारे वृन्दावन की कुञ्ज गली में,
मच गई है होरी ॥
यहां वृन्दावन की होरी भी,
दुनिया मे चर्चा भारी है,
बाँके बिहारी के संग खेले,
होली श्यामा प्यारी है,
खेले श्यामा प्यारी है,
खेले श्यामा प्यारी है ॥
ऐसी मारी भर पिचकारी,
भीगी राधे के चोली,
प्यारे वृन्दावन की कुञ्ज गली में,
मच गई है होरी ॥
होली का हल्ला सुन करके,
आ गई सखियां सारी है,
हाँ… आ गई सखियां सारी है,
सखियों को देख के राधा ने,
झट पकड़े कृष्ण मुरारी है,
झट पकड़े कृष्ण मुरारी है ॥
पकड़ के ऐसी सकल बिगाड़ी,
मुख पे रंग दीनी रोरी,
प्यारे वृन्दावन की कुञ्ज गली में,
मच गई है होरी ॥
छीना-झपटी में राधा ने,
कान्हा की मुरली छीन लई,
सखियों ने पकड़ के बैठा लियो,
फिर मार लाठी की खुब देई,
सखी भाग ना जाये जेदारी को,
फिर राधा यूँ बोली,
प्यारे वृन्दावन की कुञ्ज गली में,
मच गई है होरी ॥
मत देख रविन्द्र, ग्वालन संग,
दौड़े-दौड़े आये हैं,
भर-भर के झोली बेरोली,
फिर जम के रंग उड़ाये हैं,
ऐसी सज गई ब्रिज की नगरी,
रंगों की रंगोली,
प्यारे वृन्दावन की कुञ्ज गली में,
मच गई है होरी ॥
होली आई बड़ी सुहानी,
सब ने घोर लई रोली,
प्यारे वृन्दावन की कुञ्ज गली में,
मच गई है होरी ॥
॥ सार ॥
यह भजन वृंदावन की पारंपरिक होली का जीवंत चित्र प्रस्तुत करता है—राधा-कृष्ण की होरी, सखियों की खुशियाँ, रंगों का उत्सव और मस्ती से भरी कुंज गलियों की छटा। यह गीत भक्त को आध्यात्मिक आनंद से भर देता है।