Barsane Mein Aaj Dhoom Machi Holi Ki
॥ भजन लिरिक्स ॥
बरसाने में आज धूम मची होली की,
धूम मची होली की, धूम मची होली की,
बरसानें में आज धूम मची होली की॥
रंग रंगीलो फागुण आयो,
ब्रज वासी को मन हर्षायो,
रंग रंगीलो फागुण आयो,
ब्रज वासी को मन हर्षायो,
नाचे दे दे ताल,
धूम मची होली की,
बरसानें में आज धूम मची होली की॥
नन्द गाँव से ग्वाला आये,
सुन्दर ढाल संग में लाये,
नन्द गाँव से ग्वाला आये,
सुन्दर ढाल संग में लाये,
उड़त अबीर गुलाल,
धूम मची होली की,
बरसानें में आज धूम मची होली की॥
इत है नन्द गाँव के रसिया,
उत है बरसाने की सखियाँ,
इत है नन्द गाँव के रसिया,
उत है बरसाने की सखियाँ,
कर सोलह श्रृंगार,
धूम मची होली की,
बरसानें में आज धूम मची होली की॥
गली रंगीली शोभा न्यारी,
ग्वालन पड़ रही लठियाँ भारी,
गली रंगीली शोभा न्यारी,
ग्वालन पड़ रही लठियाँ भारी,
हो रही जय जयकार,
धूम मची होली की,
बरसानें में आज धूम मची होली की॥
या बृज की होली को देखन,
चढ़ आये सुर देव विमानन,
या बृज की होली को देखन,
चढ़ आये सुर देव विमानन,
करे फूलन की बौछार,
धूम मची होली की,
बरसानें में आज धूम मची होली की॥
बरसाने में आज धूम मची होली की,
धूम मची होली की, धूम मची होली की,
बरसानें में आज धूम मची होली की॥
॥ सार ॥
यह भजन बरसाने और नन्दगाँव की पारंपरिक लठमार होली की दिव्य छटा को प्रकट करता है। इसमें अबीर-गुलाल, सखियों-रसियों की मस्ती, फागुन की उमंग और देवताओं तक को आकर्षित करने वाली ब्रज की होरी का आनंदपूर्ण वर्णन है।