मन हो जा दीवाना रे हनुमान जी के चरणों में
मन हो जा दीवाना रे ,
हनुमान जी के चरणों में,
तू कर ले ठिकाना रे,
हनुमान जी के चरणों में।
मन हो जा दीवाना रे।।
पिता पवन अंजनी महतारी,
शिव शंकर के तुम अवतारी।
सारा झुकता जमाना रे,
हनुमान जी के चरणों में।
मन हो जा दीवाना रे।।
अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता,
भक्तों के अटके काम बनाता।
कभी अर्जी लगाना रे,
हनुमान जी के चरणों में।
मन हो जा दीवाना रे।।
निर्धन को धनवान बनाता,
निर्बल को बलवान बनाता।
भरा रहता खजाना रे,
हनुमान जी के चरणों में।
मन हो जा दीवाना रे।।
तन के सारे रोग मिटाता,
भंवर से नैया पार लगाता।
मेरी बिनती सुनाना रे,
हनुमान जी के चरणों में।
मन हो जा दीवाना रे।।
॥ सार ॥
मन हो जा दीवाना रे हनुमान जी के चरणों में एक प्रेरणादायक और भक्तिमय भजन है जो भक्त को हनुमान जी की शरण में रहने का संदेश देता है। इसमें हनुमान जी की महिमा, कृपा और भक्ति के महत्व का अत्यंत मधुर वर्णन किया गया है।