बानर बांको रे लंका नगरी में

Hanuman • Hindi
भजन: बानर बांको रे लंका नगरी में — Banar Banko Re Lanka Nagri Mein || बानर बांको रे। भाषा: Hindi. Song title (English): bhajans/hanuman bhajans/banar banko re lanka nagri bhajan

बानर बांको रे, लंका नगरी में,
मच गयो हाको रे, बानर बांको रे।

मात सिया यूं बोली रे बेटा,
फल खाई तू पाको रे।
इतने माही कूद्या हनुमत,
मार फदाको रे, बानर बांको रे।

रुख उखाड़ पटक धरणी पर,
भोग लगाया फलों को रे।
रखवाला जब पकड़न लाग्या,
दियो झड़ाको रे, बानर बांको रे।

राक्षसिया अड़रावै सारा,
काल आ गयो म्हाको रे।
मुँह पर मार पड़े मुक्के री,
फाड़े बाको रे, बानर बांको रे।

हाथ टांग तोड़े, सिर फोड़े,
घट फोड़े ज्यूँ पाको रे।
लुक छिप कर कई घर में घुसग्या,
पड़ गयो फांको रे, बानर बांको रे।

उजड़ी पड़ी अशोका वाटिका,
ज्यूँ मारग सड़कों को रे।
उथल पुथल सब करयो बगिचो,
बिगड़यो खाको रे, बानर बांको रे।

जाय पुकार करी रावन स्यूं,
दिन खोटो असुरां को रे।
कपि आय एक घुस्यो बाग में,
गजब लड़ाको रे, बानर बांको रे।

भेज्यो अक्षय कुमार भिडन नै,
हनुमत स्यामी झांक्यो रे।
एक लात की पड़ी असुर पर,
पी गयो नाको रे, बानर बांको रे।

धन धन रे रघुवर का प्यारा,
अतुलित बल है थांको रे।
तु हे जग में मुकुटमणि है,
सब भक्तां को रे, बानर बांको रे।

॥ सार ॥

बानर बांको रे एक लोक-शैली का पराक्रमी हनुमान भजन है, जिसमें लंका नगरी में हनुमान जी के वीरता, शक्ति और लीला का वर्णन है। यह भजन हनुमान जी के अद्भुत पराक्रम और भक्तों की श्रद्धा को जीवंत रूप से दर्शाता है।