अंजनी के लाल कहाँ सो रहा है, तेरी दुनिया में क्या हो रहा है
अंजनी के लाल कहाँ सो रहा है,
तेरी दुनिया में क्या हो रहा है।
कोई माने ना देवी देवता को,
इन्हे पत्थर समझ ठुकराए।
हाय कैसा जुल्म हो रहा है,
तेरी दुनिया में क्या हो रहा है।।
मंदिरों में जो वेद बज रहे हैं,
साधु संत सभी सुन रहे हैं।
पापियों को नमन हो रहा है,
तेरी दुनिया में क्या हो रहा है।
अंजनी के लाल कहाँ सो रहा है,
तेरी दुनिया में क्या हो रहा है।।
बेटा माने ना माता पिता को,
भाई माने ना अपनी बहन को।
रिश्ता नाता खत्म हो रहा है,
तेरी दुनिया में क्या हो रहा है।
अंजनी के लाल कहाँ सो रहा है,
तेरी दुनिया में क्या हो रहा है।।
जब से आया है कलियुग जमाना,
बेटा हो गया है बीवी का दीवाना।
पाप हँसता धर्म रो रहा है,
तेरी दुनिया में क्या हो रहा है।
अंजनी के लाल कहाँ सो रहा है,
तेरी दुनिया में क्या हो रहा है।।
अर्ज सुन ले मेरी रामदुलारे,
भक्त तेरे दर पे आ गए हैं।
अपने चरणों में हमको लगा ले,
तेरी दुनिया में क्या हो रहा है।
अंजनी के लाल कहाँ सो रहा है,
तेरी दुनिया में क्या हो रहा है।।
अंजनी के लाल कहाँ सो रहा है,
तेरी दुनिया में क्या हो रहा है।
कोई माने ना देवी देवता को,
इन्हे पत्थर समझ ठुकराए।
हाय कैसा जुल्म हो रहा है,
तेरी दुनिया में क्या हो रहा है।।
॥ सार ॥
अंजनी के लाल कहाँ सो रहा है भजन में कलियुग में फैलते पाप, अधर्म और टूटते रिश्तों का वर्णन है। भक्त हनुमान जी से विनती करता है कि वे जागकर संसार में हो रहे अन्याय को दूर करें और धर्म की रक्षा करें।