शिव के चरणों में करके बसेरा, लगा जीवन में खुशियों का ढेरा
शिव के चरणों में करके बसेरा,
लगा जीवन में खुशियों का ढेरा।।
मिट गया हर भरम हर अंधेरा,
लगा जीवन में खुशियों का ढेरा।
शिव के चरणों में करके बसेरा,
लगा जीवन में खुशियों का ढेरा।।
मैने अर्जी जो दर पे लगाई,
भोले बाबा ने की है सुनवाई।
दुःख दुविधा ने फिर नही घेरा,
लगा जीवन में खुशियों का ढेरा।।
झूठी दुनियां से करके किनारा,
नाम भोले का मन से पुकारा।
हाथ भोले ने थाम लिया मेरा,
लगा जीवन में खुशियों का ढेरा।।
मंत्र शिव का जो मन में बसाया,
नए संसार में खुद को पाया।
दिया शंभू ने उजला सबेरा,
लगा जीवन में खुशियों का ढेरा।।
स्वर्ग पाने की चाहत नहीं है,
शिव जहां मेरे मंजिल वहीं है।
लख चौरासी कट गया फेरा,
लगा जीवन में खुशियों का ढेरा।।
शिव के चरणों में करके बसेरा,
लगा जीवन में खुशियों का ढेरा।।
॥ सार ॥
शिव के चरणों में करके बसेरा, लगा जीवन में खुशियों का ढेरा में भक्त की भोलेनाथ भक्ति और जीवन में सुख-शांति को समर्पण और आनंद के माध्यम से दिखाया गया है। 🕉️✨