कैलाश पर्वत पर चढ़ गयो रे
Shiva • Hindi
कैलाश पर्वत पर चढ़े गयो रे,
आज भोला फूलों से सज गयो रे।
भोले के गले में सर्पों की माला,
गले में सर्प लिपट गयो रे,
आज भोला फूलों से सज गयो रे।
भोले के हाथों में डमरू विराजे,
हाथों में डमरू बाज रहा रे,
आज भोला फूलों से सज गयो रे।
भोले के शीश में चंदा विराजे,
चंदा से अमृत बरस रहा रे,
आज भोला फूलों से सज गयो रे।
भोले के हाथों में त्रिशूल विराजे,
त्रिशूल से भक्तों के कष्ट हर रे,
आज भोला फूलों से सज गयो रे।
भोले के संग में गोरा विराजे,
भक्तों की झोली मां भर रही रे,
आज भोला फूलों से सज गयो रे।
॥ सार ॥
भजन में भोलेनाथ कैलाश पर सजकर भक्तों के कष्ट हरते हैं और प्रेम व भक्ति का संदेश देते हैं।