हे शंभू बाबा मेरे भोलेनाथ
हे शंभू बाबा मेरे भोलेनाथ,
तीनो लोक में तू ही तू।
श्रद्धा सुमन मेरा मैं बेल पतरी,
जीवन भी अर्पण कर दू।।
हे शंभू बाबा मेरे भोलेनाथ,
जग का स्वामी है तू,
अन्तर्यामी है तू।
मेरे जीवन की अंतिम कहानी है,
तेरी शक्ति अपार,
तेरे पावन द्वार।
तेरी पूजा ही मेरा जीवन आधार,
धुल तेरे चरणों की लेकर,
जीवन को साकार किया।
हे शंभू बाबा मेरे भोलेनाथ,
तीनो लोक में तू ही तू।।
मन में है कामना और कुछ जानू न,
ज़िन्दगी भर करू तेरी आराधना।
सुख की पहचान दे तू मुझे,
ज्ञान दे प्रेम सबसे करू ऐसा वरदान।
बल निर्बल को,
अज्ञानी को ज्ञान दिया,
हे शंभू बाबा मेरे भोलेनाथ,
तीनो लोक में तू ही तू।
श्रद्धा सुमन मेरा मैं बेल पतरी,
जीवन भी अर्पण कर दू।।
॥ सार ॥
‘हे शंभू बाबा मेरे भोलेनाथ’ भजन भक्तों की श्रद्धा, भक्ति और जीवन समर्पण को भोलेनाथ के प्रति दर्शाता है।
इस भजन में शिव भक्तों के जीवन में प्रेम, ज्ञान और शक्ति के तत्व शामिल हैं। इसे सुनने से भक्तों को आनंद और आध्यात्मिक अनुभूति मिलती है।